संतान गोपाल मंत्र | पुत्रप्राप्ति मंत्र | Santan Gopal Mantra |


गोपाल संतान मंत्र साधना

पुरे विश्व में कई लोग है जो अपने संचित कर्मो के कारण संतान सुख से वंचित है | कई लोग तो ऐसे जो शाररिक रूप से स्वस्थ है अर्थात अस्पतालों में कई प्रकार के रिपोर्टो के बनवाने के बाद पता चलता है सबकुछ नार्मल है फिर भी संतान सुख में बाधा आ रही है, तब क्या करे ?
सिर्फ एक सहारा होता है भगवान के द्वारा बताया हुआ रास्ता |
कइ लोग ऐसे भी जिन्होंने कई ज्योतिषीय उपायों का भी सहारा लिया होता है, फिर भी वो संतान सुख से वंचित रहता है,
 तब फिर से वो ही प्रश्न होता है की अब क्या करे ?

संतान गोपाल मंत्र | पुत्रप्राप्ति मंत्र | Santan Gopal Mantra |
संतान गोपाल मंत्र

तब हमारे शास्त्रों में बताया हुआ जो शास्त्रोक्त उपाय है और सर्वश्रेष्ठ और बहुत ही अद्भुत और असरदायक है | यह उपाय कोई ऐसा वैसा नहीं है किन्तु यह सम्पूर्ण रूप से शास्त्रोक्त है कई लोगो ने इस मंत्र अनुष्ठान के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ संतान की प्राप्ति की हुई है | और वह विधान है " गोपालसंतान मंत्र " कई लोग ऐसे भी है जो इस मंत्र का प्रतिदिन मंत्र जाप करते है फिर भी वो कहते है हमें इस मंत्र से कोई लाभ नहीं हो रहा है लेकिन याद रखे सिर्फ इस मंत्र का सीधे ही जाप करने से कभी लाभ नहीं मिलेगा | उसका एक सम्पूर्ण विधान है वो विधान के अनुसार ही इसका फल प्राप्त हो सकता है जो मैंने यहाँ बताया है |

संतान गोपाल मंत्र का लाभ
इस मंत्र का सम्पूर्ण अनुष्ठान किया जाए तो सिर्फ संतान प्राप्ति नहीं अपितु दैवी संतान की प्राप्ति होती है | यह एक अमोघ संतान प्राप्ति प्रयोग माना गया है | इस मंत्र से और कोई श्रेष्ठ संतान प्राप्ति नहीं है | 

अनुष्ठान कैसे करे ? या विद्वान ब्राह्मण से करवाये  ?
सर्वप्रथम स्थापनादि कर गणेशपूजन करे - पुण्याहवाचन करे - बालगोपाल स्वरुप की पूजा करे |
( पंचोपचार या षोडशोपचार पुजा करे )


पश्चात् इस विधान के लिये संकल्प करे |
अपने दाए हाथ में जलग्रहण करे पश्चात निम्न संकप करे |
ॐ मम (अगर स्वयं के लिए करते हो तो मम बोले) यजमान के लिए करते हो तो (यजमानस्य बोले)  आत्मनः श्रुति स्मृति पुराणोक्त शास्त्रोक्त फल प्राप्ति अर्थं पुत्रसंतति प्राप्ति अर्थं लक्षात्मकं ( सवालक्ष भी कर सकते हो ) सपादलक्ष ) मंत्रस्य जपानुष्ठान तथा दशांश हवन तस्य दशांश तर्पण तस्य दशांश मार्जन तस्य दशांश ब्राह्मण भोजन करिष्ये |
इस प्रकार से जो हाथ में लिया जल लिया है वो किसी पात्र में छोड़ दे | 
संकल्प सबसे महत्वपूर्ण एक अंग है बिना संकल्प के कोई भी कार्य 
सिद्ध नहीं होता |

संकल्प लेने के बाद इस मंत्र का विनियोग करे
विनियोग के लिये अपने दाए हाथ में जल ले या सीधा विनियोग भी पढ़ सकते हो |
विनियोगः ॐ अस्य श्री गोपालसंतान मंत्रस्य नारदऋषिः अनुष्टुप छन्दः सन्तानप्रदः श्रीकृष्णो देवता ग्लौं बीजं नमः शक्तिः पुत्रप्राप्त्यर्थं जपे विनियोगः |
इस प्रकार से विनियोग करे | जल किसी भी पात्र में छोड़ दे |

पश्चात षडङ्गन्यास् करे
करन्यास : ॐ देवकीसुत अंगुष्ठभ्यां नमः | गोविन्द तर्जनीभ्यां नमः | वासुदेव मध्यमाभ्यां नमः | जगत्पते अनामिकाभ्यां नमः | देहि में तनय कृष्ण कनिष्ठिकाभ्यां नमः | त्वामहं शरणं गतः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः |

हृदयादिन्यास : ॐ देवकीसुत हृदयाय नमः | गोविन्द शिरसे स्वाहा | वासुदेव शिखायै वौषट | जगत्पते कवचाय हुम् | देहि में तनय कृष्ण नेत्रत्रयाय वौषट | त्वामहं शरणं गतः अस्त्राय फट ||

इस प्रकार न्यास करने के बाद भगवान् का ध्यान धरे |
ध्यान 
ॐ विजयेन युतो रथस्थितः प्रसमानीय समुद्रमध्यतः | प्रददौ तनयान द्विजन्मनः स्मरणीयो वसुदेवनन्दनः ||

ध्यान धरने के बाद मंत्र जाप के लिये प्राणप्रतिष्ठित माला का ही प्रयोग करे | 
इसमें तुलसी - रक्तचंदन या रुद्राक्ष की माला प्रयोग करे |

( इसमें श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं का सम्पुट भी ले सकते है )
इस मंत्र की शुरुआत करने से पहले भगवान् से संतान प्राप्ति के लिए ह्रदय भाव से प्रार्थना कर मंत्र का आरम्भ करे |

इस मंत्र के लक्ष जाप होने के बाद या आप जितने भी मंत्र जाप करते हो उसका दशांश-यज्ञ-उसका दशांश-तर्पण-उसका दशांश-मार्जन और ब्रह्म भोजन कराये | 
पश्चात् सायं पूजन आरती कर क्षमायाचना करे और
अनुष्ठान संपन्न करे उसके बाद प्रतिदिन इस मंत्र की तीन माला करे जब तक संतान की प्राप्ति ना हो जाए तब तक ||

( सुचना -  संतान प्राप्ति में कई बाधाये होती है तो याद रखे इसमें विज्ञान का भी सहारा ले और वेद का भी सहारा ले )

|| इति गोपालसंतान प्राप्ति प्रयोग ||
|| जय श्री कृष्ण ||

|| Santan Gopal Mantra ||







karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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