नवग्रह समिधा के नाम | नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए करे इस लकड़ियों से हवन | Navagraha Samidha |


 नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए करे इस लकड़ियों से हवन


नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए सदा शास्त्रों में बताई हुई समिधाओं से यज्ञ करे | सम्पूर्ण फल प्राप्त होगा | नवग्रह शांत हो जायेगे | 
अगर ग्रहो के अनुसार समिधाओं से यज्ञ किया जाए | 

नवग्रह समिधा के नाम 
अर्कः पलाशः खदिरः स्त्वपामाँर्गोथ पिप्पलः | 
उदुम्बरः शमी दूर्वा कुशाश्च समिधासत्विमाः || 

नवग्रह समिधा के नाम | नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए करे इस लकड़ियों से हवन | Navagraha Samidha |
नवग्रह समिधा 

सूर्य के लिये अर्क अर्थात आक समिधा का प्रयोग करे | ( काष्ठ ) 

चंद्र के लिए  पलाश की समिधा का प्रयोग करे | ( खाखरा की काष्ठ ) 

मंगल के लिए खदिर की समिधा का प्रयोग करे | ( खेर का काष्ठ ) 

बुध के लिए अपामार्ग की समिधा का प्रयोग करे | ( अपामार्ग की काष्ठ ) 

गुरु अर्थात बृहस्पति के लिए पिप्पल की समिधा का प्रयोग करे | ( पीपल के पेड़ की लकडिया ) 

शुक्र के लिए औदुम्बर की समिधा का प्रयोग करे | ( गूलर-औदुम्बर की लकडिया ) 

शनि के लिए शमी की समिधा का प्रयोग करे | ( खिजड़ा के काष्ठ का प्रयोग करे ) 

राहु के लिए दूर्वा का पप्रयोग करे | 
केतु के लिए कुशा अर्थात दर्भा का प्रयोग करे | 

इस तरह से किसी भी यज्ञ में या नवग्रह में क्रमशः समिधा का प्रयोग करे | 
इस तरह से शास्त्रोक्त प्रकार से हर एक ग्रह के लिए समिधा का प्रयोग करने से अवश्य शुभफल की प्राप्ति होगी | 

|| नवग्रह समिधा नाम समाप्तः || 



karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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