होली वन्दना | होलिका स्तोत्र | Holika Stotram |


होली वन्दना 

होलिका स्तोत्र 

होली वन्दना 

होली को जलाने के बाद बोले यह स्तोत्र 
होली  कितनी परिक्रमा करनी चाहिये ? 

होली जलाते समय या होली जलाने के बाद और 
तीन परिक्रमा  करने के पश्चात 
होलिका को दोनों हाथो से नमस्कार करके 
यह स्तोत्र बोलने से होलिका मनुष्य के सभी पापो को हर लेती है,
सभी सन्तापों को हर लेती है,
और सभी प्रकार से कल्याण करती है 
होलिका जगन्माता बनके सर्वसिद्धियाँ प्रदान करती है 
सुखशान्ति प्रदान करती है 

होली की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए ? 
यह स्तोत्र को तीन परिक्रमा करने के बाद दोनों हाथो से  नमस्कार करके
 होलिका के आगे यह स्तोत्र पढ़ना चाहिए 


होलिका स्तोत्र 
पापं तापं च दहनं कुरु कल्याणकारिणि | 
होलिके त्वं जगद्धात्री होलिकायै नमो नमः || 
होलिके त्वं जगन्माता सर्वसिद्धिप्रदायिनी | 
ज्वालामुखी दारूणा त्वं सुखशान्तिप्रदा भव || 
वन्दितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च | 
अतस्त्वं पाहिनो देवि भूते भूतिप्रदा भव || 
अस्माभिर्भय सन्त्रस्तैः कृत्वा त्वं होलि बालिशैः | 
अतस्त्वां पूजयिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव || 
त्वदग्नि त्रिः परिक्रम्य गायन्तु च हसंतु च | 
जल्पन्तु स्वेछ्या लोकाः निःशङ्का यस्य यन्मतम् || 

|| अस्तु || 


Chalo satsang kariye

આચાર્ય શ્રી આનંદકુમાર પાઠક સાહિત્યાચાર્ય-સંસ્કૃતમાં B.a-M.a ૨૫ વર્ષની અવિરત યાત્રા બ્રહ્મરત્ન પુરસ્કાર વિજેતા - ૨૦૧૫ શાસ્ત્રી - આચાર્ય - ભૂષણ - વિશારદ કર્મકાંડ ભૂષણ -કર્મકાંડ વિશારદ જ્યોતિષ ભૂષણ - જ્યોતિષ વિશારદ

1 Comments

  1. गुरुजी, यह स्तोत्र किसने रचा है ?

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