पीठस्थ देवता मंत्र | Pithastha devta naam |


पीठस्थ देवता मंत्र

पीठस्थ देवता मंत्र 


भद्रमण्डल पर दुर्गा यन्त्र रखें | 
दुर्गाआवाहन से पहले पीठ शक्तियों का पूजन करें | 

मं मण्डूकाय नमः | 
आं आधारशक्तिये नमः | 
मूं मूलप्रकृत्यै नमः | 
कां कालाग्निरुद्राय नमः | 
कूं कूर्माय नमः |
वं वराहय नमः |
पं पृथव्यै नमः |
अं अमृतार्णवाय नमः |
रं रत्नद्वीपाय नमः |
हं हेमगिरये नमः |
नं नंदनोद्यानाय नमः |
कं कल्पवृक्षाय नमः |
मं मणिमण्डपाय नमः |
दं दिव्यमण्डपाय नमः |
सं स्वर्णवेदिकायै नमः |
रं रत्नसिंहासनाय नमः |
पूर्वे धं धर्माय नमः |
दक्षिणे ज्ञां ज्ञानाय नमः |
पश्चिमे वैं वैराग्याय नमः |
उत्तरे ऐं एश्वर्याय नमः |
अग्निकोणे अं अधर्मयाय नमः |
नैऋते अं अज्ञानाय नमः |
वायव्ये अं अवैराग्याय नमः |
ईशाने अं अनैश्वराय नमः |
मध्ये सं सत्त्वाय नमः |
रं रजसे नमः |
तं तमसे नमः |
पं प्रकृत्यात्मने पत्राय नमः |
मं  मोहात्मने नमः |
सों सोममण्डलाय नमः |
अं अर्कमण्डलाय नमः |
वं वह्निमण्डलाय नमः |
मं मायातत्त्वाय नमः |
विं विद्यातत्त्वाय नमः |
शं शिवतत्त्वाय नमः |
ब्रं ब्रह्मणे नमः |
मं महेश्वराय नमः |
आं आत्मने नमः |
अं अंतरात्मने नमः |
पं परामात्मने नमः |
जं जीवात्मने नमः |
ज्ञं ज्ञानात्मने नमः |
कं कंदाय नमः |
नं नीलाय नमः |
पं पद्माय नमः |
रं रत्नेभ्यो नमः |
कं केसरेभ्यो नमः |
कं कर्णिकायै नमः |

पूर्वादि अष्टदिक्षु 

ॐ नंदायै नमः |
ॐ भगवत्यै नमः |
ॐ रक्तदन्तिकायै नमः |
ॐ शाकंभर्यै नमः |
ॐ दुर्गायै नमः |
ॐ भीमायै नमः |
ॐ कालिकायै नमः |
ॐ भ्रामर्यै नमः |
मध्ये 
ॐ शिवदूत्यै नमः |


इस प्रकार पीठ शक्तियों का आवाहन कर महादुर्गा का आवाहन करें | 
इसके बाद महामाया दुर्गा का आवाहन करें | 

|| अस्तु ||     
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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