देवता नमस्कार
नमस्ते मित्रों किसी भी प्रकार की पूजा पद्धति में या प्रतिदिन नित्य पूजा में
इन देवता नमस्कार का स्मरण करने से सभी देवताओं को
प्रणाम करने का फल प्राप्त होता है.
कोई भी व्रत-पूजा-यज्ञ आदि क्रिया में सबसे पहले देवता
नमस्कार करने का विधान है.
![Devta Namskar | देवता नमस्कार | कर्मकांड विधि |](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0IzLuazGP7jszJCF4yV5nVOjIVFc8APeEQ8dMjjPDsD3SdFik7HWCe4Gge6wHYSePJBsU0vHUwM4qwk63q_-5swzLxpsJ_u8Z0Dlq-opZLWBB8HJTIAAZieLqDfugimFWJZ1rOuv3Sfs/w640-h360/%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0.png) |
देवता नमस्कार
१. - ॐ श्री महागणपतये नमः | २. - ॐ गुरुभ्यो नमः | ३. - ॐ परम गुरुभ्यो नमः | ४. - ॐ परमेष्ठी गुरुभ्यो नमः | ५. - ॐ परात्पर गुरुभ्यो नमः | ६. - ॐ इष्ट देवताभ्यो नमः | ७. - ॐ कुल देवताभ्यो नमः | ८. - ॐ स्थान देवताभ्यो नमः | ९. - ॐ ग्राम्य देवताभ्यो नमः | १०. - ॐ वाणी हिरण्यगर्भाभ्याम नमः | ११. - ॐ लक्ष्मी नारायणाभ्याम नमः | १२. - ॐ उमा महेश्वराभ्याम नमः | १३. - ॐ मातृ-पितृ चरण कमलेभ्यो नमः | १५. - ॐ सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः | १५. - ॐ सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमः |
|| अस्तु ||
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