नवग्रह कवच | Navgraha kavach |


नवग्रह कवचम 


एक साथ ही नौ ग्रहो से रक्षा प्राप्त करना और सभी कामनाओ को पूर्ण करनेवाला सर्वोत्तम नवग्रह कवच है | 

नवग्रह कवच | Navgraha kavach |
नवग्रह कवच 

|| ब्रह्मोवाच || 

शिरो में पातु मार्तण्डो कपालं रोहिणीपतिः | 
मुखमंगारकः पातु कण्ठश्च शशिनन्दनः || 

बुद्धिं जीवः सदा पातु हृदयँ भृगुनन्दनः | 
जठरंच शनिः पातु जिह्वां में दितिनन्दनः || 

पादौ केतुः सदा पातु वाराः सर्वाङ्गमेव च | 
तिथयोष्टौ दिशः पान्तु नक्षत्राणि वपुः सदा || 

अंसौ राशिः सदा पातु योगाश्च स्थैर्यमेव च | 
गुह्यं लिङ्गं सदा पान्तु सर्वे ग्रहाः शुभप्रदाः |
अणिमादिनी सर्वाणि लभते यः पठेद ध्रुवम || 


फलश्रुतिः 
एतां रक्षां पठेद यस्तु भक्त्या स प्रयतः सुधीः | 
स चिरायुः सुखी पुत्री रणे च विजयी भवेत् || 
अपुत्रो लभते पुत्रं धनार्थी धनमाप्नुयात | 
दारार्थी लभते भार्यां सुरूपां सुमनोहराम || 
रोगी रोगात्प्रमुच्येत बद्धो मुच्येत बंधनात | 
जले स्थले चान्तरिक्षे कारागरे विशेषतः || 
यः करे धारयेन्नित्यं भयं तस्य न विद्यते | 
ब्रह्महत्या सुरापानं स्तेयं गुर्वङ्गनागमः |
सर्वपापैः प्रमुच्येत कवचस्य च धारणात || 
नारी वामभुजे धृत्वा सुखैश्वर्य समन्विता | 
काकवन्ध्या जन्मवंध्या मृतवत्सा च या भवेत् |
बह्वपत्या जीववत्सा कवचस्य प्रसादतः || 

|| नवग्रह कवच सम्पूर्णं || 

नवग्रह कवच का माहात्म्य 
ये नौ ग्रहो का सर्वश्रेष्ठ कवच स्तोत्र है इस के पठान मात्र से नौ-ग्रह हमारी रक्षा करने लगते है | 
इसी स्तोत्र के माहात्म्य में बताया हुआ है की 
इस स्तोत्र के प्रतिदिन पाठ से सभी ग्रह हमारे शरीर के सभी अंगो के रक्षा करते है | 
इसके पाठ से किसी भी प्रकार क्र युद्ध में विजय प्राप्ति होती है | 
जिनको पुत्र की कामना है उन्हें पुत्र प्राप्त होता है | 
धन की कामना करने वालो को धन प्राप्ति होती है | 
जिनका विवाह नहीं हो रहा हो उनका शीघ्र विवाह हो जाता है | 
जो रोगी होता है उसके रोग ठीक होने लगते है | 
जलमे-स्थल में सभी जगह मनुष्य की रक्षा होती है | 
जो बिना गुनाह का कारावास भोगता है ( जेल ) उनमे से मुक्त हो जाता है | 
जो भयभीत होता है वो निर्भय हो जाता है | 
जो ब्रह्महत्या के पापो को भोगता है वो उस दोष से मुक्त हो जाता है | 
जो सुरापान करता है वो भी निर्दोष हो जाता है | 
सर्वपापो से मुक्त हो जाता है | 
अगर कोई स्त्री इस कवच को अपनी वामभुजा में धारण करती है वो सभी सुख-ऐश्वर्यो को प्राप्त करती है | 
यह कवच सर्वोत्तम है जो नौग्रहों की बाधाओं में से मुक्त कर सभी सुखो को प्रदान करता है | | 

|| नवग्रह कवच समाप्तः || 

karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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