कार्तिक माह में क्या करे ? Karik Mahine Ka Vrat |


कार्तिक माह में क्या करे ?

कार्तिक माह में किस ग्रन्थ का पाठ करना चाहिए ?
कार्तिक माह के नियम
कार्तिक माह में अनुष्ठान
भगवान् विष्णु का प्रिय माह

कार्तिक माह में क्या करे ? Karik Mahine Ka Vrat |
कार्तिक माह में क्या करे ?

ब्रह्माजी कहते है
न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगम् |
न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम् || ( स्कंदपुराण )
कार्तिक माह के समान कोई माह  नहीं है,सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है,
वेदो के समान कोई शास्त्र नहीं है,और गङ्गाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है |
मुनिश्रेष्ठ कार्तिक माह में पापोंको का विनाश करने के लिए शालिग्राम की पूजा अवश्य करनी चाहिए |
कार्तिक माह के नियम
शालिग्राम शिला के आगे या विष्णु की प्रतिमा के आगे नित्य विष्णुसहस्त्र का पाठ करे

भगवद्गीता का पाठ करे
शिव मंदिर या विष्णु मंदिर में कम से कम एक रात्रि जागरण कर भगवदस्मरण करे | मंदिर में ना हो सके तो तुलसी या पीपल के पेड़ के निचे जागरण करे | कार्तिक माह की पूर्णता के लिए सुपात्र ब्राह्मण को कुछ ना कुछ अपनी शक्ति अनुसार दान करे और शिव विष्णु मंदिर में दीपदान करे | ब्राह्मण-ब्राह्मणी के जोड़े को अपने वहा आमंत्रित कर उनको भोजन करवाए | कार्तिक माह में भूमिशयन  युगो युगो के पापो का विनाश हो जाता है | कार्तिक माह में विष्णु  मंदिर में दीपदान करने से पितरो का उद्धार हो जाता है | गुरु के वाक्यों का वचन का उल्लङ्घन ना करे | जितनी हो सके गुरु की सेवा करे |

कार्तिके मासि विप्रेन्द्र यस्तु गीतां पठेन्नरः |
तस्य पुण्यफलं वक्तुं मम शक्तिर्न विद्यते ||
गीतायस्तु समं शास्त्र न भूतं न भविष्यति |
सर्वपापहरा नित्यं गीतैका मोक्षदायिनी ||
गीतापाठं तु यः कुर्यात कार्तिके विष्णुवल्ल्भे |
तस्यपुण्यफलं वक्तुं नालं वर्षशतैरपि ||
श्रीमद्भागवतस्यापि श्रवणं यः समाचरेत |
सर्वपापविनिर्मुक्तः परं निर्वाणमृच्छति ||
ब्रह्माजी देवर्षि नारद को कहते है
कार्तिक में जो लोग भगवद्गीता  पाठ करता है उसके फल का वर्णन सेंकडोवर्षो तक भी कोई नहीं कर सकता |
जो मनुष्य कार्तिक माह में प्रतिदिन गीता का पाठ करता है,उसके पुण्यफल का वर्णन में भी नहीं कर सकता | गीता के समान कोई शास्त्र नहीं है,न था और न होगा | एक मात्र गीता ही है जो पापो को हरनेवाली है और मोक्षदायिनी है | गीता के एक अध्याय का पाठ करने से भी मनुष्य घोर नरक से मुक्त हो जाता है | जैसे जड़ नामक ब्राह्मण मुक्त हो गया था |
सात समुद्रो तक पृथ्वी दान करने से जो फल मिलता है वो केवल एक शालिग्राम शिला दान करने से मिलते है | कार्तिक में स्नान और दान करना चाहिए |
कार्तिक में केले एवं आंवले का दान करना चाहिए |

कार्तिक में भगवद स्मरण
गोविन्द गोविन्द हरे मुरारे
रथाङ्गपाणे मुकुन्द कृष्ण
गोविन्द गोविन्द रथाङ्गपाणे
गोविन्द दामोदर माधवेति ||
इसका प्रतिदिन स्मरण करे | 

karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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