शरभेश्वर माला मंत्र | शरभेश्वर मन्त्र | Sharabheshwara Mala Mantra |
शरभेश्वर माला मंत्र
शरभेश्वर मन्त्र
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शरभेश्वर माला मंत्र | शरभेश्वर मन्त्र |
ॐ नमः पक्षिराजाय निशि कुलिश वर
द्रष्टा नखायानेककोटि ब्रह्म कपालमालालङ्कृताय
सकल कुल महानाग भूषणाय सर्वभूत निवारणाय
नृसिंह गर्व निर्वापण कारणाय सकलरिपु
रभांटवी विमोटन महानिलाय शरभ सालुवाय
ह्रां ह्रीं ह्रूं प्रवेशय प्रवेशय रोग ग्रहं बन्धय बन्धय
बालग्रहं बन्धय आवेशय आवेशय भाषय भाषय
मोहय मोहय कम्पय कम्पय बन्धय बन्धय
भूतग्रहं बन्धय रोगग्रहं बन्धय यक्षग्रहं बन्धय
पातालग्रहं बन्धय चातुर्थग्रहं बन्धय भीमग्रहं
बंधयापरस्मार ग्रहं बन्धय उन्मत्तग्रहं बन्धय
राक्षसग्रहं बन्धय ज्वालाग्रहं बन्धय ज्वालामुख
ग्रहं बन्धय तमोहारग्रहं बन्धय भूचरग्रहं बन्धय
खेचरग्रहं बन्धय बेतालग्रहं ( वेताल ) बन्धय कूष्माण्डग्रहं बन्धय
स्त्रीगृहं बन्धय पापग्रहं बन्धय विक्रमग्रहं
व्युत्क्रम ग्रहं बन्धय प्रेतग्रहं बन्धय
पिशाचग्रहं बन्धय बन्धयावेशग्रहं बन्धय
अनावेशग्रहं बन्धय सर्वग्रहाँमर्दय
सर्वगृहान त्रोटय त्रोटय प्रैं त्रैं हैं मारय शीघ्रं मारय
मुञ्च मुञ्च दह दह पच पच नाशय नाशय
सर्वदुष्टान्नाशय ह्रूं फट स्वाहा |
अरुणभरुणमालालङ्कृता सँकराग्रैर्वीधृत परसुशक्तिं पुष्पबाणेक्षुचापम् |
विविध फणफणीन्द्रैर्भूषणैर्भूषिताङ्गं शरभमखिलनाथं नौम्यहं सालुवेशम् ||
इसके स्मरण मात्र से साधक को सभी सिद्धिया प्रदान हो जाती है |
ऐसा माना जाता है सभी सिद्धिया साधक के हाथो में निवासित हो जाती है |
शरभेश्वर माला मंत्र | शरभेश्वर मन्त्र | Sharabheshwara Mala Mantra |
Reviewed by karmkandbyanandpathak
on
11:49 AM
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