अमृतसिद्धि योग | Amrit Siddhi Yoga |

 

अमृतसिद्धि योग

अमृतसिद्धि योग



अमृतसिद्धियोग सभी कार्यो के लिए उत्तम माना जाता है | 
कभी कभी पंचांग में यह देखा जाता है की आज अमृत सिद्धि योग है | 
किन्तु कैसे बनता है अमृतसिद्धि योग ?
अमृत सिद्धि जो अमृत के जैसे सिद्धिया प्रदान करता है | 

हस्तः सूर्ये मृगः सोमे वारे भौमे तथाश्विनी | 
बुधे मैत्रं गुरौ पुष्यों रेवती भृगुनंदने || 
रोहिणी सूर्यपुत्रे च सर्वसिद्धिप्रदायकः | 
असावमृतसिद्धीश्च योगः प्रोक्तः पुरातनैः || 

रविवार - हस्त नक्षत्र 
सोमवार - मृगशीर्ष नक्षत्र 
मंगळवार - अश्विनी नक्षत्र 
बुधवार - अनुराधा नक्षत्र 
गुरूवार - पुष्य नक्षत्र 
शुक्रवार - रेवती नक्षत्र 
शनिवार - रोहिणी नक्षत्र 
इन दिनों में जब यह नक्षत्र आते है तब अमृत सिद्धि योग बनता है | 

जिसमे शुभ कार्य करने से कार्य सिद्ध हो जाते है | 

|| अस्तु || 

karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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