कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ? Kumbh Vivah Kab Karna Chahiye ?


 कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ?

कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ?


कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ?
कुम्भ विवाह क्यों करना चाहिए ? 
कुम्भ विवाह जरुरी है या नहीं ?
पीपल से विवाह कब करना चाहिये ?
विष्णु भगवान् से विवाह कब और क्यों करना चाहिए ?

जन्मोत्थं च विलोक्य बालविधवा 
योगं विधाय व्रतं 
सावित्र्या उत पैप्पलं हि सुतया 
दद्यादिमां वा रहः | 
सल्ल्लग्नेऽच्युतमूर्त्तिपिप्पल घटै:
कृत्वा विवाहं स्फुटं 
दद्यात्तां चिरजीविनेऽत्र न भवे 
द्दोषः पुनर्भूभवः || 

जन्मकुण्डली में जन्म लग्न से
 विधवायोग देखकर या छोटी उम्र में ही 
विधवा ना हो यह देखकर लड़की को 
सावित्री का व्रत 
पीपल के पेड़ से विवाह 
घट ( कुम्भ विवाह )
कर के वर ( लड़के की ) कुण्डली देखकर 
कन्या का विवाह लड़के से करना चाहिए | 
उसके पश्चात पुनर्विवाह का दोष नहीं होगा || 

|| कुम्भ विवाह || 


karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

Post a Comment

Previous Post Next Post