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भगवान् को भोग कैसे लगाए ? भोग लगाने का मंत्र | Bhagvan ko bhog lagane ka mantra |

 

भगवान् को भोग कैसे लगाए ? भोग लगाने का मंत्र

भगवान् को भोग कैसे लगाए ? भोग लगाने का मंत्र 


भगवान को भोग लगाते समय बोले यह मंत्र | 
सर्वप्रथम भगवान् के सामने भोग या जो भी नैवेद्य बनाया हुआ है वो रखे | 
साथ में शुद्धजल भी रखे | 

पश्चात यह श्लोक बोले | 

भगवान् को भोग कैसे लगाए ? भोग लगाने का मंत्र

ॐ शर्करा खण्डखाद्यानि दधिक्षीर घृतानि च | 
आहारं भक्ष्य भोज्यं च नैवेद्यं प्रति गृह्यताम् || 

पश्चात अपना बाया हाथ आँखों के सामने रखकर 
दाए जात की पांचो उंगलियों को एकत्रित कर के भगवान् को नैवेद्य अर्पण करे | 

ॐ प्राणाय स्वाहा | 
ॐ अपानाय स्वाहा | 
ॐ व्यानाय स्वाहा | 
ॐ उदानाय स्वाहा | 
ॐ समानाय स्वाहा | 
ॐ एवं परब्रह्मणे परमात्मने नमः | 
नैवेद्य मध्ये आचमनीय (पानीय) जलं समर्पयामि | 

यह बोलकर एक बार किसी भी पात्र में जल छोड़ दे | 

पश्चात फिर से भोग अर्पण करे | 
और बोले | 
ॐ प्राणाय स्वाहा | 
ॐ अपानाय स्वाहा | 
ॐ व्यानाय स्वाहा | 
ॐ उदानाय स्वाहा | 
ॐ समानाय स्वाहा | 
यहाँ पर तीन बार जल छोड़ ने का विधान है किन्तु एक बार जल छोड़कर भी उत्तरापोशनादिकं समर्पयामि बोले सकते है | 

इस प्रकार से नित्य आप भगवान् को भोग अर्पण कर सकते है | 

|| अस्तु || 

भगवान् को भोग कैसे लगाए ? भोग लगाने का मंत्र | Bhagvan ko bhog lagane ka mantra | भगवान् को भोग कैसे लगाए ? भोग लगाने का मंत्र | Bhagvan ko bhog lagane ka mantra | Reviewed by karmkandbyanandpathak on 7:24 AM Rating: 5

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