पितृ मन्त्र | Pitru Mantra |

 

पितृ मन्त्र

पितृ मन्त्र

पितरो का एक ऐसा मंत्र जिनके  केवल तीन बार स्मरण करने मात्र भर पितृ प्रसन्न होकर खुश रहते है  
 और परिवार में सबको अपना आशीर्वाद प्रदान  करते है |
पितृ दोष निवारण में यह सहाय करता है |
किसी भी ग्रहदोष  करने में सहाय करता है |
घर में कलह रहता हो तो वो शांत हो जाता है |
वंशवृद्धि में भी लाभदायक है |
दरिद्रता का विनाश करता है |
स्थिर लक्ष्मी देता है |
आरोग्य स्वस्थ रखता है |
सर्वस्व देनेवाला है यह पितृ मंत्र |
खासकर इसमें कहा है जब भी घर में श्राद्ध हो उससे पूर्व तीन बार इसका स्मरण करके श्राद्ध करने से श्राद्ध कर्म सफल होता है |

पितृ स्मरण मंत्र
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च |
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव नमोऽस्तुते || ( भवन्तु ते )

अपने पितरो का. नित्य स्मरण करके केवल तीन बार इसका स्मरण करे ||

|| पितृमंत्र समाप्तः ||
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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