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भस्म धारण करने की विधि |


भस्म धारण करने की विधि 

भस्म धारण करने की विधि


भस्म कैसे धारण करते है ?

किन अंगो पर भस्म लगनी चाहिये ?

भस्म धारण करते समय क्या बोलना चाहिये ?

भस्म धारण करने की विधि 

भस्म कैसे धारण करते है ?

किन अंगो पर भस्म लगनी चाहिये ?

भस्म धारण करते समय क्या बोलना चाहिये ?

प्रातः ससलिलं भस्म मध्याह्ने गन्धमिश्रितम् | 

सायाह्ने निर्जलं भस्म एवं भस्म विलेपयेत् || 

प्रातः काल भस्म में जल मिलाकर भस्म लगानी चाहिये 

मध्याह्न काल में गंध मिश्रित 

सायं काल में केवल सुखी भस्म लगानी चाहिए 


बायीं हाथ की हथेली में थोड़ी भस्म लेकर उसमे जल मिलाकर अभिमंत्रित कर क्रमश: लगाये 

ॐ अग्निरिति भस्म | 

ॐ वायुरिति भस्म | 

ॐ जलमिति भस्म | 

ॐ स्थलमिति भस्म | 

ॐ व्योमेति भस्म | 

ॐ सर्वं गूँ हवा इदं भस्म | 

ॐ मन एतानि चक्षूंगूँषि भस्मानि | 


भस्म अभिमंत्रित कर लेने के बाद क्रमशः अंगो पर 

ॐ नमः शिवाय बोलकर या निम्न वैदिक मंत्र बोलके भी लगा सकते है | 

ललाटे 

गले 

बाहु 

कोहनी पर 

हाथ पर 

हाथ के ऊपर 

छाती पर 

पेट पर 


ॐ त्र्यायुषं जमदग्नेरिति ललाटे | 

ॐ कश्यप त्र्यायुषमिति ग्रीवायाम् | 

ॐ यद्देवेषु त्र्यायुषमिति भुजायाम् | 

ॐ तन्नो अस्तु त्र्यायुषमिति हृदये |    


इस तरह से नित्य भस्म धारण करनी चाहिये | 


भस्म धारण करने की विधि | भस्म धारण करने की विधि | Reviewed by karmkandbyanandpathak on 3:54 AM Rating: 5

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