शिव तर्पण | Shiv Tarpan |

 

शिव तर्पण 

शिव तर्पण 



शिव तर्पण के लिए सिर्फ थोड़ा जल और अक्षत लेना है | 
अक्षत को जल में मिश्रित कर निचे दिए गए मंत्रो को बोलकर 
शिवजी के ऊपर आचमनी से जल अर्पण करे 
चाहो तो हाथो से भी तर्पण कर सकते है | 

ॐ भवं देवं तर्पयामि || 
ॐ शर्वं देवं तर्पयामि || 
ॐ ईशानं देवं तर्पयामि || 
ॐ पशुपतिं देवं तर्पयामि || 
ॐ उग्रं देवं तर्पयामि || 
ॐ रुद्रं देवं तर्पयामि || 
ॐ भीमं देवं तर्पयामि || 
ॐ महांतं देवं तर्पयामि || 
भवस्य देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 
शर्वस्य देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 
ईशानस्य देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 
पशुपतेर्देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 
उग्रस्य देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 
रुद्रस्य देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 
भीमस्य देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 
महतो देवस्य पत्नीं तर्पयामि || 

|| अस्तु || 

   
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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