धूप अर्पण करनेका विधान | Dhoop kaise kare ?

 

धूप अर्पण करनेका विधान 




चंदन सहित काला अगर, कर्पूर, घी और गूगल के सहित 
( चाहे तो लोबान का प्रयोग मिश्र कर कर सकते है )
 धूप महादेवी को जो अर्पण करता है, 
प्रातः और सायं काल यह धूप करे | 

धूपसे मंदिरको सुगन्धित करनेवाले पर प्रसन्न हुई
 देवेश्वरी तीनो भुवनो को अर्पण करती है | 

कर्पूरके साथ दिये को अर्पण करनेवालेको सूर्यलोक की प्राप्ति होती है | 
सावधान चित्तसे सेकड़ो और हजारो दिये अर्पण करनेका विधान है | 


 
Chalo satsang kariye

આચાર્ય શ્રી આનંદકુમાર પાઠક સાહિત્યાચાર્ય-સંસ્કૃતમાં B.a-M.a ૨૫ વર્ષની અવિરત યાત્રા બ્રહ્મરત્ન પુરસ્કાર વિજેતા - ૨૦૧૫ શાસ્ત્રી - આચાર્ય - ભૂષણ - વિશારદ કર્મકાંડ ભૂષણ -કર્મકાંડ વિશારદ જ્યોતિષ ભૂષણ - જ્યોતિષ વિશારદ

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