ऋषि पंचमी व्रत | Rushi Panchami Vrat |

 

ऋषि पंचमी व्रत

ऋषि पंचमी व्रत

ब्रह्म पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पंचमी को सप्त ऋषि पूजन व्रत का विधान है |
इस दिन चारों वर्ण की स्त्रियों को चाहिए की वे प्रातः नदी आदि पर स्नान कर घर
में पृथ्वी को शुद्ध करके हल्दी से चौकोर मण्डप बनाएं |
उस पर सप्त ऋषियों की स्थापना करें तथा
गंध, पुष्प, धूप, दिप, नैवेद्य आदि से पूजन कर

कश्यपोऽत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोऽथ गौतमः |
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः ||
दहन्तु पापं मे सर्वं गृह्वणन्त्वर्ध्यं नमो नमः ||
इस मंत्र से अर्घ्य दें |

तत्पश्चात अकृष्ट पृथ्वी में पैदा हुए शाकादि का आहार करके ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए व्रत करें |
इस प्रकार सात वर्ष करके आठवें वर्ष में सप्त ऋषियों की सोने की सात मूर्तियां बनवाकर कलश स्थापन करके यथाविधि पूजन कर
सात गोदान तथा सात युग्मक ब्राह्मण को भोजन कराकर उनका विसर्जन करें |

|| अस्तु ||
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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