श्री हनुमत् द्वादशाक्षर मंत्र विधान | Hanuman Mantra |


श्री हनुमत् द्वादशाक्षर मंत्र विधान 

श्री हनुमत् द्वादशाक्षर मंत्र विधान | Hanuman Mantra |
श्री हनुमत् द्वादशाक्षर मंत्र विधान



विनियोग   
ॐ अस्य श्री हनुमत द्वादशाक्षर मंत्रस्य शिव ऋषिः अतिजगती 
छन्दः रुद्रात्मक हनुमान देवता, हं बीजं हुं शक्तिः, फट्कीलकं 
श्री हनुमत् वरप्रसाद सिद्ध्यर्थे
मम सर्वकामार्थ सिद्ध्यर्थे  
( अभीष्ट कामना उल्लेख करें ) 
जपे विनियोगः | 

ऋष्यादिन्यास 
शिव ऋषये नमः ( शिरसे ) | अतिजगती छन्दसे नमः ( मुखे ) | 
रुद्रात्मक हनुमत देवतायै नमः ( हृदि ) | हं बीजाय नमः ( गुह्ये ) | 
हुं शक्तये नमः ( पादयो ) फट् कीलकाय नमः ( नाभौ ) | 
श्री हनुमत् वर प्रसाद सिद्धयर्थे विनियोगाय नमः सर्वांगे | 
इस न्यास में ॐ या जो मंत्र बताये है उससे न्यास कर सकते है 

करन्यास 
हां अंगुष्ठाभ्यां नमः | हीं तर्जनीभ्यां नमः | हुं मध्यमाभ्यां नमः | हैं 
अनामिकाभ्यां नमः | हौं कनिष्ठकाभ्यां नमः | हः करतल 
पृष्ठाभ्यां नमः | 

हृदयादिन्यास 
हां हृदयाय नमः | हीं शिरसे स्वाहा | हुं शिखायै वषट् | 
हैं कवचाय हुम् | हौं नेत्रत्रयाय वौषट् | हः अस्त्राय फट् | 

मनोजवं मारुततुल्य वेगं 
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं | 
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं 
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये || 

 मन्त्र 
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुम् फट्
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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