अशोक वृक्ष के टोटके | Ashoka Vriksh Totka |


अशोक वृक्ष के टोटके

अशोक वृक्ष के टोटके | Ashoka Vriksh Totka |
अशोक वृक्ष के टोटके


भारतीय सनातन संस्कृति में बहुत से पवित्र वृक्ष है उसमे अशोक वृक्ष का भी समावेश होता है | 
"अशोक" मतलब जो शोक मिटाये 
या जहा कोई शोक ना रहे वो है अशोक || 
अशोक वृक्ष जहा पर भी होता है वह कोई शोक नहीं रहता | 
अशोक वृक्ष के कई सारे लाभ-प्रयोग-टोटके है | 
जिनमे से कुछ साधक को के लिए प्रस्तुत कर रहा हु | 


- अशोक वृक्ष के निचे किसी भी मंत्र साधना करने से मंत्र साधना में शीघ्र सफलता मिलती है | 

- अशोक वृक्ष के निचे मंत्र साधना या व्रत कथा पढ़ने से या पूजा करने से मन को शांति मिलती है | 

-हर शुक्रवार या किसी भी शुक्रवार सुबह अशोक वृक्ष का पत्ता तोड़कर उसे श्रीयंत्र के निचे रखने से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती   है | 
कर्ज मुक्ति के द्वार खुलने लगते है | 

-किसी भी बृहस्पति वार अशोक वृक्ष का पत्ता लेकर उसे अनाज की ढेरी में रखने से माँ अन्नपूर्णा की पूर्ण कृपा परैत होगी | 

-घर में अगर कोई भी शुभ प्रसंग या कोई पूजा-यज्ञ करते है तो अशोक वृक्ष के पत्तो का तोरण बनाकर मुख्यद्वार पर लगाए 
 ऐसा करने से शुभ प्रसङ्ग में कोई शोक नहीं आता कोई विघ्न नहीं आएगा | 


-बार बार अगर नजरदोष लगती है तो प्रातःकाल अशोक वृक्ष की जड़ लेकर उसे गले में ताबीज बनाकर पहनने से नजरदोष समाप्त हो जाती है |  

-अशोक वृक्ष के पत्तो को अगर किसी भी दिन लाकर पति पत्नी की रूम में या शयन करने की जगह रखा जाए तो पति पत्नी के बीच परस्पर स्नेह बना रहता है | 

-अशोक वृक्ष में अगर नित्य या प्रति गुरूवार-शुक्रवार जल चढ़ाया जाए गृहकलह नहीं होता,विद्या-ज्ञान-लक्ष्मी की प्राप्ति होती है | 

-अशोक वृक्ष को घर के बहार आँगन में लगाने से या घर की उत्तर दिशा की और लगाने से सुख-शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है | 

-किसी भी बुधवार के दिन अशोक वृक्ष के पत्ते को लेकर तिजोरी में या व्यापार के स्थान पर रखने से व्यापार में वृद्धि होगी | कर्ज मुक्ति में भी सहायता मिलेगी | 

-अशोक वृक्ष के पत्ते पर श्रीराम चन्दन से लिखकर भगवान् हनुमानजी को अर्पण करने से हनुमानजी प्रसन्न होते है | परिवार की रक्षा करते है | 

-विवाह में अगर बाधा आ रही हो तो अशोक वृक्ष के निचे दुर्गा सप्तशती के पाठ का संकल्प लेकर परायण करना चाहिए | 

|| श्री अस्तु || 

karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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