लक्ष्मी हवन सङ्कल्प | Lakshmi Havan Sankalp |

 

लक्ष्मी हवन सङ्कल्प

लक्ष्मी हवन सङ्कल्प 



अगर आप नित्य हवन या लक्ष्मी यज्ञ करते हो तो अवश्य यह संकल्प कर के 
आप लक्ष्मी यज्ञ कर सकते है | 
यह संकल्प लेने के लिए अपने दाए हाथ में जल ग्रहण करे | 
और निम्न संकल्प बोले | 

शास्त्रों में लिखा है की बिना संकल्प कर्म करे तो की होता है ?
संकल्पेन विना कर्म यत्किञ्चित कुरु ते नरः | 
फलं चाप्यल्पकं तस्य धार्मास्यार्द्ध क्षयो भवेत् || 
अर्थात विना संकल्प के कोई भी कर्म जैसे पूजा-पाठ-व्रत-यज्ञ आदि करते है तो 
उसका फल आधा मिलता है और किये हुए धर्म का कर्म का क्षय हो जाता है | 

देशकालौ संकीर्त्य मम कुटुम्बस्य स परिवारस्य नित्य कल्याण प्राप्ति अर्थं
 कायिक वाचिक मानसिक सांसर्गिक चतुर्विध पापक्षय पूर्वकं 
सर्व विध संकट निवृत्ति पूर्वकं दीर्घ आयुर् आरोग्य प्राप्ति पूर्वकं 
अलक्ष्मी विनाश पूर्वक मनोऽभिलषित विपुल 
लक्ष्मी प्राप्ति अर्थं सर्वदा मम गृहे लक्ष्मी निवासार्थं च 
जगदम्बायाः श्रीमहालक्ष्मी देव्याः प्रीति अर्थं 
सग्रहमखं लक्ष्मी याग(गं) अहम् करिष्ये || 

यह संकल्प सामान्य रूप से बनाया हुआ है | 
आप इसी संकल्प में पञ्चाङ्ग का सहारा लेकर 
तिथि आदि का उल्लेख भी कर सकते है || 

|| अस्तु || 
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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