नित्य पूजा की सामग्री | Nitya Puja Samagri |

 

नित्य पूजा की सामग्री

नित्य पूजा की सामग्री


 भगवान् विष्णु ने श्रीस्कन्दमहापुराण में कहा है की नित्य पूजन में कुछ ऐसी सामग्री या द्रव्य है जिनका उपयोग करने से वो बहुत ही प्रसन्न होते है | जाकीसे की नित्यपूजा में घंटी बजाना,शङ्ख बजाना,चन्दन से तिलक करना,ऋतुके अनुसार पुष्प अर्पण करना,तुलसी मञ्जरी सहित अर्पण करना,भगवान् के आगे धूप प्रज्वलित करना,दीप प्रज्वलित करना यह साड़ी चीजे अगर नित्य पूजन में शामिल करे तो कोई भी समस्या मनुष्य के जीवन में नहीं आती है और साधक को सभी प्रकार से सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है |

पूजा में घण्टीबजाना :
भगवान् कहते है की मेरी पूजा के समय जो भक्त घण्टी बजाता है,घण्टानाद करता है,
वह सौ यज्ञो से लेकर सौकोटि यज्ञो का फल प्राप्त करता है | 
घण्टानाद सदा ही मुझे प्रसन्न करनेवाला है | 

पूजा के समय शङ्ख बजाना :
भगवान् कहते है पूजा के समय शँखनाद करने से अर्थात शंख बजाने से और साथ में प्रणवोच्चार करने से
मेरे लिए जो पूजन किया हुआ है वो मोक्षप्रदान करनेवाला होता है |
उन्हें में मोक्ष प्रदान करता हु |

पूजा में चन्दन का प्रयोग करना :
जो पूजा में मुझ पर शङ्खमे जल भरकर उसमे चन्दन डालकर अभिषेक करता है उसके सारे पापो को में नष्ट करता हु |
जो मुझे चन्दन से तिलक करता है उसके भी सारे पाप नष्ट होते है और लक्ष्मीजी की प्राप्ति होती है |

पूजा में ऋतुअनुसार पुष्प अर्पण करना :
जो कोई मनुष्य ऋतुके अंसार प्राप्त होनेवाले पुष्प मुझे अर्पण करते है उसका जीवन भी सुगंधमय बनजाता है |

पूजा में भगवान् को तुलसीदल मञ्जरी सहित अर्पण करना :
जो कोई मनुष्य पूजा में मुझ पर या मेरे स्वरुप शालिग्राम के ऊपर तुलसीदल मञ्जरी सहित अर्पण करता है उसका वर्णन तो कोई नहीं कर सकता |
उसे सर्वस्व प्रदान करता हु |

पूजा में भगवान् को धूप अर्पण करना :
भगवान् ने कहा है नित्य पूजा में मुझे दशांग धूप अर्पण करता है वो सभी नकारात्मकता को दूर कर लेता है |
या फिर जैसे कोई साधक अगरु का धूप करता है वो नरक समुद्र में से तैर जाता है अर्थात वो नरक का गामी नहीं बनता |
जो कोई मनुष्य गुग्गुल को जलाकर उसमे गाय या  भैंस का घी थोड़ा डालकर उसमे थोड़ी शक्कर डालकर धूप करता है में उसकी सभी अभिलाषाओं को पूर्ण करता हु | 
जो कोई मनुष्य राल का धूप करता है वो सभी प्रकार के राक्षसों को नष्ट करदेनेवाला है और मुझे प्रसन्न करनेवाला है |

नित्यपूजा में भगवान् के सामने दीप अर्पण करना :
जो कोई मनुष्य मुझे गाय के घी का दीपक अर्पण करता है वो जन्मो जन्मांतर की दरिद्रता से मुक्त हो जाता है |

यह सारी चीजे स्वयं नारायण ने श्रीस्कन्दमहापुराण में बताई हुई है |
जिनका नित्य पूजा में अवश्य मनुष्यो को प्रयोग करना चाहिए ||

|| अस्तु ||
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

1 Comments

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