श्री शिव जटाजूट स्तुतिः | Shree Shiv Jatajut Stuti |


श्री शिव जटाजूट स्तुतिः

श्री शिव जटाजूट स्तुतिः

स धूर्जटिजटाजूटो जायतां विजयाय वः | 
यत्रैकपलितभ्रान्तिं करोत्यद्यापि जाह्नवी || १ || 

चुडापीडकपालसंकुलगलन्मन्दाकिनीवारयो  
विद्युत्प्रायललाटलोचनपुटज्योतिर्विमिश्रत्विषः |
पान्तु त्वामकठोरकेतकशिखासंदिग्धमुग्धेन्दवो
भूतेशस्य भूजङ्गवल्लिवलयस्त्रङ्नद्धजूटा जटाः || २ ||

गङ्गावारिभीरुक्षिताः फणिफणैरुत्पल्लवास्तच्छिखा
रत्नैः कोरकिताः सितांशुकलया स्मेरैकपुष्पश्रियः |
आनन्दाश्रुपरिप्लुताक्षिहुतभुग्धूमैर्मिलद्दोहदा
नाल्पं कल्पलताः फलं ददतु वोऽभीष्टं जटा धूर्जटेः || ३ ||

|| इति श्री शिव जटाजूट स्तुतिः सम्पूर्णाः ||

karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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