श्री विश्वनाथ स्तोत्रम् | Shree Vishvanath Stotra |

 

श्री विश्वनाथ स्तोत्र

श्री विश्वनाथ स्तोत्र


उपहरणं विभवानां संहरणं सकलदुरितजालस्य | 
उद्धरणं संसाराच्चरणं वः श्रेयसेऽस्तु विश्वपतेः || १ || 

भिक्षुकोऽपि सकलेप्सितदाता प्रेतभूमिनिलयोऽपि पवित्रः | 
भूतमित्रमपि योऽभयसत्री तं विचित्रचरितं शिवमीडे || २ || 

|| इति शती विश्वनाथ स्तोत्रं सम्पूर्णा ||  
karmkandbyanandpathak

नमस्ते मेरा नाम आनंद कुमार हर्षद भाई पाठक है । मैंने संस्कृत पाठशाला में अभ्यास कर (B.A-M.A) शास्त्री - आचार्य की पदवी प्राप्त की हुईं है । ।। मेरा परिचय ।। आनंद पाठक (आचार्य) ( साहित्याचार्य ) ब्रह्मरत्न अवार्ड विजेता (2015) B.a-M.a ( शास्त्री - आचार्य ) कर्मकांड भूषण - कर्मकांड विशारद ज्योतिष भूषण - ज्योतिष विशारद

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